Bihar Land Survey Rule 2024 : बिहार में जमीन का पूरा लेखा-जोखा अब नए सिरे से किया जाएगा। इसके लिए नीतीश सरकार के द्वारा आज यानि 20 अगस्त से जमीन सर्वेक्षण शुरू हो गयी है। यह सर्वेक्षण राज्य के 45 हजार से अधिक गांवों में किया जाएगा। इस सर्वेक्षण में जमीन पर बने मकानों और अन्य चीजों की भी जानकारी देनी होगी। इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि सरकार ने 177 तरह की चीजों की सूची बनाई है, जिससे जमीन के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। इस सर्वेक्षण से पता चलेगा कि जमीन सरकारी है या निजी, खेती योग्य है या बंजर। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इस बारे में पूरी जानकारी दी है।
सरकार का उद्देश्य जमीन के पुराने रिकॉर्ड को अपडेट करना :
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि सरकार जमीन के पुराने रिकॉर्ड को अपडेट करना चाहती है। बिहार में पिछली बार भूमि सर्वेक्षण (संशोधन सर्वेक्षण) हुए 50 साल से अधिक हो गए हैं। वह सर्वेक्षण भी सभी जिलों में पूरा नहीं हो पाया था। उससे पहले बिहार के सभी जिलों में जो सर्वेक्षण हुआ था, वह करीब 100 साल पहले हुआ था। पिछली बार हुए सर्वेक्षण के बाद से काफी जमीन का मालिकाना हक बदल गया है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य जमीन के पुराने नक्शे और खतियान को अपडेट करना है।
बिहार के सभी गांवों में होगा सर्वेक्षण:
जय सिंह ने बताया कि बिहार में भूमि विवाद का एक बड़ा कारण जमीन के पुराने रिकॉर्ड हैं। इस सर्वेक्षण से इस समस्या का समाधान होने की उम्मीद है। यह सर्वेक्षण बिहार के सभी गांवों में होगा, लेकिन शहरों में नहीं। सर्वेक्षण में भाग लेना सभी के लिए अनिवार्य है, चाहे वे जमीन पर रहते हों या नहीं। उन्होंने बताया कि यह सर्वेक्षण करीब एक साल तक चलेगा। सर्वेक्षण प्रक्रिया की शुरुआत में सरकार एक अधिसूचना जारी करेगी। इसके बाद जिले के बंदोबस्त अधिकारी द्वारा हर गांव में इसकी घोषणा की जाएगी। इस घोषणा के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि उनके गांव में भूमि सर्वेक्षण शुरू होने वाला है। इसके बाद सर्वे कर्मियों को लोगों की जमीन नापने का अधिकार होगा।
देना होगा जमीन के ये कागजात:
क्या सर्वे अधिकारी जमीन के कागजात मांगेंगे? इस सवाल पर जय सिंह ने कहा कि वे आपसे जानना चाहेंगे कि आपको उस जमीन का मालिकाना हक कैसे मिला। इसे साबित करने के लिए आपसे कागजात मांगे जा सकते हैं। हो सकता है कि आपकी जमीन खतियान हो, आपने जमीन खरीदी हो, बंटवारे में मिली हो या कोर्ट के आदेश से मिली हो। इससे संबंधित दस्तावेज आपको सर्वे टीम को दिखाने होंगे।
क्या सरकार अवैध जमीन वापस लेगी:
क्या सरकार सर्वे के दौरान अवैध कब्जे वाली जमीन वापस लेगी? इस पर जय सिंह ने कहा कि अगर आपने किसी जमीन पर अवैध कब्जा किया है और सरकार सर्वे के जरिए उसे दुरुस्त करना चाहती है तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई दिक्कत है। जय सिंह ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य है कि यह सर्वे एक साल में पूरा हो जाए। इस प्रक्रिया में समय लगता है।
जमीन मालिक को दावा/आपत्ति के लिए मिलेंगे तीन मौके :
उन्होंने बताया कि इसमें लोगों को तीन बार अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। सरकार का उद्देश्य जल्दबाजी में सर्वे नहीं कराना है। लोगों को अपनी जमीन के कागज दिखाने का पूरा मौका मिलेगा। अगर शुरुआत में कोई गलती हो जाए तो आप तीन बार अपील कर सकते हैं। अगर आप सर्वे टीम के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो आपको तीन बार अपील करने का अधिकार है। अगर उसके बाद भी आपको लगता है कि सर्वे में कोई गलती है तो आप सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट जा सकते हैं।
बिहार से बाहर रहने वालों को क्या करना होगा ?
बिहार से बाहर रहने वालों को क्या करना चाहिए? इस सवाल पर जय सिंह ने कहा कि जमीन उसी की होगी जिसके नाम पर है। आपको बस इतना बताना होगा कि कौन सी जमीन आपकी है और उसकी सीमा क्या है। इसके लिए आपको सबूत के तौर पर जमीन से जुड़े दस्तावेज सर्वे टीम को देने होंगे। आप इन दस्तावेजों को ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं। आप भारत में कहीं भी हों या विदेश में, आप कहीं से भी अपनी जमीन के कागजात जमा कर सकते हैं। सर्वे टीम द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को आप 6 महीने बाद देख पाएंगे. इसे ड्राफ्ट प्रकाशन कहते हैं। अगर ड्राफ्ट प्रकाशन में आपको लगता है कि आपकी जमीन किसी और के नाम पर दिखाई जा रही है तो आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर आपकी शिकायत पर सुनवाई होती है तो आप चाहें तो अपने परिवार के किसी सदस्य को अपना पक्ष रखने के लिए भेज सकते हैं।