Bihar Land Survey 2024 : बिहार में भूमि सर्वेक्षण जारी है। इस सर्वेक्षण के माध्यम से सरकार का उद्देश्य विशेषकर गांवों में भूमि से संबंधित आपसी विवादों को पूरी तरह समाप्त करना है। भूमि सर्वेक्षण के दौरान, भूमि से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की जाएगी और फिर उस भूमि को सही मालिक के हवाले कर दिया जाएगा।
लैंड सर्वे को लेकर कई लोगों के मन में एक सवाल है कि अगर उनकी भूमि गैर-मजरूआ है तो उसका क्या होगा? क्या सरकार इस भूमि को ले लेगी या फिर पूर्व की तरह ही भूमि मालिक का हक रहेगा? एक और सवाल यह है कि जिन जमीनों पर अवैध कब्जा है, उनका क्या होगा? हम अपनी रिपोर्ट में इन सवालों के सरल उत्तर देंगे।
गैर-मजरूआ भूमि दो प्रकार की होती है: गैर-मजरूआ खास और गैर-मजरूआ आम। गैर-मजरूआ आम भूमि का उपयोग सड़क, नाला, नदी, जिला परिषद की सड़क, शमशान घाट, कब्रिस्तान, स्कूल, तालाब, पोखर आदि के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, कुछ भूमि परती रहती है, यानी खाली छोड़ दी जाती है।
सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। ऐसी भूमि को गैर-मजरूआ आम खाता में दर्ज किया जाता है। जो गैर-मजरूआ आम भूमि है, जिसे सामान्य भाषा में सरकारी भूमि कहा जाता है, उसका मालिकाना हक सरकार के पास रहेगा। यदि गैर-मजरूआ आम भूमि पर अवैध कब्जा है, तो सरकार उसे वापस ले लेगी।
जिनके पास गैर-मजरूआ खास भूमि है, उसका रिकॉर्ड भी सरकार अपने पास रखेगी। अगर आपके पास गैर-मजरूआ खास भूमि है, खतियान में आपका नाम है और आप उस भूमि के वास्तविक मालिक हैं, तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी। यानी गैर-मजरूआ खास भूमि जिनकी है, वही उनकी रहेगी। जो भूमि वर्षों पहले जमींदार से खरीदी गई थी और आज भी यदि उस पर आपके पूर्वजों या आपका नाम दर्ज है, तो वह भूमि आपकी ही रहेगी, यानी मालिकाना हक आपका ही रहेगा।