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Bihar Jamin Survey : बिहार में जमीन सर्वे को लेकर जरूरी खबर ! जानिए भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया, दस्तावेज और इसके फायदे.

Bihar Jamin Survey: बिहार में इस समय भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। इस सर्वे को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उत्पन्न हो रहे हैं। …

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by Bhumi Jankari Team

Bihar Jamin Survey : बिहार में जमीन सर्वे को लेकर जरूरी खबर ! जानिए भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया, दस्तावेज और इसके फायदे.

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Bihar Jamin Survey: बिहार में इस समय भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। इस सर्वे को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उत्पन्न हो रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि असली जमीन मालिकों को इस प्रक्रिया से डरने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, फिर भी लोग Bihar Land Survey को लेकर चिंतित हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें क्या कदम उठाने चाहिए और इस सर्वेक्षण से उन्हें क्या लाभ होंगे। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि इस कार्य के लिए प्रशिक्षित अधिकारियों का क्या दृष्टिकोण है और उन्हें किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। अधिकारियों का मानना है कि असली जमीन मालिकों के लिए यह सर्वेक्षण लाभकारी सिद्ध होगा और इससे पुरानी गलतियों को सुधारने में सहायता मिलेगी। अतः सभी को इस सर्वे में सहयोग करना चाहिए।

बिहार में भूमि सर्वेक्षण क्यों आवश्यक है?

भूमि सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य पुराने खतियान को अपडेट करना है, जिसमें जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित बदलाव शामिल होंगे। बिहार में 2024 में इस नए सर्वे के तहत जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी, जिससे लोग अपनी जमीन की जमाबंदी को आसानी से देख सकेंगे, और इससे भूमि विवादों में कमी आएगी। लगभग 50 साल बाद बिहार में भूमि सर्वेक्षण हो रहा है। इसमें पुराने खतियान को अपडेट किया जाएगा, क्योंकि पिछले 50 वर्षों में जमीनों की काफी खरीद-फरोख्त हो चुकी है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में अभी भी पुराने मालिकों के नाम दर्ज हैं। इसके अलावा, पुराने नक्शे भी अद्यतन नहीं किए गए हैं, जबकि भूमि के आकार में बदलाव आ चुका है। इस कारण से कई बार जमीन को लेकर विवाद उत्पन्न हो जाते हैं। 2024 के बिहार भूमि सर्वेक्षण में इन सभी जानकारी को अपडेट किया जाएगा, और इसे ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे लोग बैंक खाते की तरह अपनी जमीन की जमाबंदी को एक क्लिक में देख सकेंगे।

बिहार के बाहर रहने वाले लोगों के लिए क्या विकल्प हैं?

बिहार के बाहर रहने वाले लोग भी अब ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए भूमि सुधार और राजस्व विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के साथ, रैयत अपना स्वघोषणा पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज भी अपलोड कर सकेंगे। विभाग ने बाहर रहने वाले रैयतों के लिए यह ऑनलाइन सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा, ग्राम सभाओं और कैंप कार्यालय में भी आवेदन जमा किए जा सकते हैं। सत्यापन के समय रैयत या उनके प्रतिनिधि का उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।

गड़बड़ी की शिकायत जमीन मालिक कहां करेंगे?

जमीन मालिक अपनी जमीन के रिकॉर्ड में गड़बड़ी की शिकायत तीन स्थानों पर दर्ज करा सकते हैं। ड्राफ्ट पब्लिकेशन के बाद, बंदोबस्ती शिविर में, या फिर कानूनगो और बंदोबस्त पदाधिकारी के पास अपनी आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। यह सुविधा जमीन के रिकॉर्ड में सुधार के लिए प्रदान की जा रही है।

जमीन मालिक के आवेदन का सत्यापन कैसे होता है?

जमीन मालिक के आवेदन पर अमीन और अन्य कर्मचारी जमीनी स्तर पर जाकर सत्यापन करते हैं।

सर्वे से पहले रैयत को क्या करना चाहिए?

रैयतों को सलाह दी गई है कि वे अपनी जमीन के सभी कागजातों को ठीक से तैयार रखें ताकि नए खतियान में सही जानकारी दर्ज हो सके। इसके अलावा, उन्हें अपनी जमीन की मेड़ों की जांच कर उनकी मरम्मत करनी चाहिए। रैयतों को प्रपत्र-2 में एक स्वघोषणा पत्र भरना होगा जिसमें उनकी जमीन से संबंधित सभी जानकारी दर्ज करनी होगी। इसके साथ ही, उन्हें मालगुजारी रसीद, एलपीसी और जमीन के स्वामित्व के दस्तावेज जैसे बंटवारा पेपर, क्रय केवाला, दान, डीड या स्वामित्व से संबंधित अन्य कागजात भी जमा करने होंगे। जिन रैयतों के खतियान उनके पूर्वजों के नाम पर हैं, उन्हें प्रपत्र-3(1) में वंशावली प्रस्तुत करनी होगी, चाहे उनके पूर्वज जीवित हों या नहीं।

रैयतों को अपने कागजात सही ढंग से तैयार कर लेने चाहिए।

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