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Bihar Mutation Rules : अब दाखिल-खारिज के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तर के चक्कर, घर बैठे ट्रैक कर सकेंगे अपना डिटेल्स.

Bihar Mutation Rules changed: बिहार में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया कितनी कठिन है, यह किसी से छिपा नहीं है। राजस्व कर्मचारी और अंचल कार्यालय का लगातार चक्कर लगाने के बाद भी …

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by Bhumi Jankari Team

Bihar Mutation Rules : अब दाखिल-खारिज के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तर के चक्कर, घर बैठे ट्रैक कर सकेंगे अपना डिटेल्स.

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Bihar Mutation Rules changed: बिहार में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया कितनी कठिन है, यह किसी से छिपा नहीं है। राजस्व कर्मचारी और अंचल कार्यालय का लगातार चक्कर लगाने के बाद भी बड़ी संख्या में दाखिल-खारिज के मामले लंबित रह जाते हैं। लोगों को अपनी बारी के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है, लेकिन कई बार दो-तीन महीने इंतजार करने के बाद भी उनका दाखिल-खारिज नहीं हो पाता। उनका दाखिल-खारिज का मामला रद्द कर दिया जाता है या फिर उनके बाद आवेदन करने वाले रैयतों का दाखिल-खारिज कर दिया जाता है।

ऐसे में नीतीश सरकार ने रैयतों की परेशानी दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने जमीन के दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में बदलाव करते हुए दाखिल-खारिज का नया नियम लागू किया है। जिसके तहत अब दाखिल-खारिज केस नंबर के साथ-साथ रैयतों को एक टोकन नंबर भी दिया जाएगा। इस टोकन नंबर से रैयत यह ट्रैक कर सकेंगे कि उनके दाखिल-खारिज केस की मौजूदा स्थिति क्या है और उनकी बारी कब आएगी।

आपको बता दें कि इस प्रक्रिया को सबसे पहले पटना जिले के पालीगंज प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया गया था और इसमें सफलता मिलने के बाद अब इसे पूरे बिहार में एक साथ लागू कर दिया गया है। तो ऐसे में म्यूटेशन को लेकर बिहार के रैयतों के सामने आने वाली समस्याओं का जल्द ही समाधान हो जाएगा।

14 अगस्त से लागू हो गया नया नियम :

बिहार में जमीन के म्यूटेशन की प्रक्रिया में यह नया बदलाव 14 अगस्त से लागू हो गया है। इस प्रक्रिया के तहत अगर कोई रैयत म्यूटेशन के लिए आवेदन करता है तो उसे पहले की तरह म्यूटेशन केस नंबर मुहैया कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें एक टोकन नंबर भी मुहैया कराया जाएगा। इस टोकन नंबर से उन्हें यह ट्रैक करना आसान हो जाएगा कि वर्तमान में किस रैयत का म्यूटेशन केस निपटाया जा रहा है और कितने रैयत के बाद उनका नंबर आएगा।

इसके साथ ही अंचल अधिकारी को पहले ऊपरी टोकन का निपटारा करना होगा, इसके बाद ही वह आगे के म्यूटेशन केस का निपटारा करेंगे। यह पूरी प्रक्रिया पहले आओ पहले पाओ के आधार पर काम करेगी। अगर आपने पहले दखल खारिज के लिए आवेदन किया है, तो आपका दखल खारिज पहले होगा, आपके बाद आने वाले लोगों का दखल खारिज होगा।

पहले राजस्व कर्मचारी करते थे मनमानी :

गौरतलब है कि वर्ष 2018 से पहले पूरे बिहार में दखल खारिज के लिए पुरानी प्रक्रिया अपनाई जाती थी। लेकिन 2018 के बाद पूरे बिहार में एक साथ ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई। लेकिन इसके बाद भी किसानों को यह परेशानी थी कि अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारी अपने हिसाब से दखल खारिज करते थे। पहले आवेदन करने के बावजूद उनके बाद आवेदन करने वाले लोगों का दखल खारिज हो जाता था। ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए किया गया यह बदलाव लोगों को राहत देगा।

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