Bihar Land Mutation : बिहार में जमीन की खरीद-फरोख्त के बाद दाखिल-खारिज की प्रक्रिया अब पहले से अधिक सुगम और तेज हो गई है। राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को और सख्त बनाते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिससे आवेदकों को अब लंबे इंतजार से मुक्ति मिलेगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा पहले से लागू फीफो (पहले आओ पहले पाओ) सिस्टम को और प्रभावी बनाने के लिए नए कदम उठाए गए हैं।
फीफो सिस्टम को और सख्त किया गया:
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पिछले साल फीफो सिस्टम को लागू किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य जमीन के दाखिल-खारिज के आवेदनों का त्वरित निपटारा करना था। इस सिस्टम के तहत आवेदनों को जमा करने की तारीख के आधार पर प्राथमिकता दी जाती है। अब इस सिस्टम को और सख्त करते हुए नए नियम लागू किए गए हैं, जिनमें सम और विषम संख्या वाले आवेदनों को अलग-अलग अधिकारियों द्वारा देखा जाएगा। इससे आवेदन प्रक्रिया में और पारदर्शिता और गति आएगी।
दस्तावेजों की जांच में तेजी:
अब हर आवेदन के साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करना अनिवार्य होगा। इन दस्तावेजों की जांच संबंधित राजस्व कर्मचारी द्वारा की जाएगी, जिसे अंचल अधिकारी के निर्देश पर तीन कार्य दिवसों के भीतर पूरा करना होगा। यदि दस्तावेजों में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो उसे 24 घंटे के भीतर सुधारने के लिए आवेदक को वापस कर दिया जाएगा। यदि सुधार नहीं किया गया, तो आवेदन रैयत के लॉगिन में वापस चला जाएगा।
75 दिनों में निपटारा अनिवार्य:
नए नियमों के तहत, दाखिल-खारिज के किसी भी आवेदन का निपटारा 75 दिनों के भीतर हर हाल में करना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए सॉफ्टवेयर में भी आवश्यक बदलाव किए गए हैं। इसके अलावा, यदि किसी ने जमीन लगान के लिए अधिक भुगतान किया है, तो अब उस अतिरिक्त राशि की वापसी भी उसी खाते में की जाएगी, जिससे भुगतान किया गया था।