UP Teacher Vacancy : उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में योगी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। दरअसल हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम योगी सरकार ने बैठक बुलाई थी। सरकार फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी। शिक्षक भर्ती के लिए नई मेरिट लिस्ट बनेगी। योगी ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आज बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा माननीय न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया गया। विभाग को माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी और माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के आलोक में कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण सुविधा का लाभ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलना चाहिए और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
इस मामले में रविवार को मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर उच्चस्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण सुविधा का लाभ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलना चाहिए तथा किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री कार्यालय तथा बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के अलावा न्याय विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक पर अभ्यर्थियों के अलावा सभी पक्षों की नजर थी। इससे पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक जून 2020 को जारी 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा-2019 की चयन सूची तथा पांच जनवरी 2022 की 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची को निरस्त करते हुए नई चयन सूची तैयार करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस संबंध में एकल पीठ के 13 मार्च 2023 के आदेश को संशोधित करते हुए यह भी निर्णय दिया कि आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित मेरिट में आने पर सामान्य वर्ग में ‘माइग्रेट’ हो जाएगा।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दिए जाने वाले वर्टिकल आरक्षण का लाभ क्षैतिज आरक्षण को भी देना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने इसी भर्ती परीक्षा में पांच जनवरी 2022 के अतिरिक्त आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची खारिज करने के एकलपीठ के फैसले में हस्तक्षेप न करते हुए तीन माह के भीतर नई सूची जारी करने की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि नई सूची तैयार करते समय यदि वर्तमान में कार्यरत कोई अभ्यर्थी प्रभावित होता है तो उसे सत्र का लाभ दिया जाए, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो। यह फैसला न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने महेंद्र पाल व अन्य सहित 90 विशेष अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। इन अपीलों में एकलपीठ के 13 मार्च 2023 के फैसले को चुनौती दी गई थी।