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Bihar Land Survey : अगर दूसरे के जमीन पर बना लिया है मकान तो कौन होगा मालिक? जानिए क्या हैं नियम.

Bihar Land Survey : बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है। इस सर्वेक्षण से रैयतों के नाम खतियान में दर्ज हो जाएंगे। अगर आपके पास जमीन के …

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by Bhumi Jankari Team

Bihar Land Survey : अगर दूसरे के जमीन पर बना लिया है मकान तो कौन होगा मालिक? जानिए क्या हैं नियम.

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Bihar Land Survey : बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है। इस सर्वेक्षण से रैयतों के नाम खतियान में दर्ज हो जाएंगे। अगर आपके पास जमीन के कागजात नहीं हैं तो आपका नाम खतियान में दर्ज नहीं होगा। सर्वेक्षण के दौरान आपत्ति दर्ज कराने के लिए क्या करना होगा? इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य भूमि अभिलेखों को अद्यतन करना और खतियान में रैयतों के नाम दर्ज कराना है। लेकिन सरकार का उद्देश्य जल्दबाजी में सर्वेक्षण कराना नहीं है।

उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए लोगों को तीन बार अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। लोगों को अपनी जमीन के कागजात दिखाने का पूरा मौका मिलेगा। अगर शुरुआत में कोई गलती हो जाती है तो आप तीन बार अपील कर सकते हैं। अगर आप सर्वेक्षण टीम के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो आपको तीन बार अपील करने का अधिकार है। अगर उसके बाद भी आपको लगता है कि सर्वे में कुछ गलती है तो आप सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट जा सकते हैं।

अगर किसी और की जमीन पर मकान बना है तो मालिक कौन होगा?

अगर सर्वे में कोई कहता है कि जमीन हमारी है, हम 20 साल से इस पर रह रहे हैं तो मालिक कौन माना जाएगा? इस संबंध में उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो ऐसी स्थिति में उसके दस्तावेजों की जांच की जाएगी और जिसके दस्तावेज सही पाए जाएंगे, जमीन उसके नाम कर दी जाएगी। यह स्पष्ट रूप से जान लें कि 20 साल से उस जमीन पर किसी के कब्जे के आधार पर उसका नाम दर्ज नहीं होगा, जब तक कि सभी दस्तावेज सही न पाए जाएं।

अगर सरकारी जमीन पर मकान बना लिया है तो मालिक कौन होगा?

सर्वे के जरिए उन लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा, जिनके पास सरकारी जमीन पर मकान या अन्य निर्माण के कागजात हैं। जय सिंह ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने किसी को मकान बनाने के लिए जमीन दी है तो यह जमीन उनकी ही रहेगी। हालांकि, सरकार द्वारा दिए गए दस्तावेज होना जरूरी है। अगर दस्तावेज नहीं होंगे तो सर्वे के तहत खतियान में आपका नाम दर्ज नहीं होगा।

सर्वे के बाद सारे रिकॉर्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म पर:

जय सिंह ने बताया कि इससे सारे रिकॉर्ड अप टू डेट हो जाएंगे। खतियान के बाद सभी के पास जमीन की जमाबंदी होती है जो म्यूटेशन के बाद होती है, लेकिन ज्यादातर लोगों के पास जमीन का नक्शा नहीं होता। इस सर्वे के बाद नया खतियान तैयार होगा। नए नक्शे बनेंगे। जमीन से जुड़ी सारी जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जाएगी। इसके बाद किसी सर्वे की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल अपडेट के बाद नक्शा समय-समय पर अपडेट होता रहेगा। जमाबंदी भी अपडेट होती रहेगी।

सिर्फ तीन बार कर सकेंगे अपील:

अगर दस्तावेजों में कोई त्रुटि पाई जाती है तो सर्वे के दौरान तीन बार अपील का मौका दिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति इस प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है तो वह कोर्ट में अपील भी कर सकता है। बिहार से बाहर रहने वाले लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। लंबे समय से काबिज जमीन के लिए भी वैध दस्तावेज जमा करने पर खतियान में नाम दर्ज हो जाएगा।

नहीं मिलेगा मालिकाना हक: जय सिंह ने स्पष्ट किया कि अगर किसी ने अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा कर लिया है और उसके पास कागजात नहीं है तो खतियान पर नाम दर्ज नहीं हो पाएगा। अगर मालिक के पास सिर्फ रजिस्ट्री के कागजात हैं तो मालिक को यह साबित करना होगा कि जिन लोगों से जमीन खरीदी गई है उनके पूर्वजों का नाम खतियान में दर्ज है और जिस व्यक्ति से आपने जमीन ली है वही उसके पूर्वज का असली वारिस है।

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