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Bihar Land Survey : बिहार में हो रहे जमीन सर्वे से आपको क्या होगा फायदा? राजस्व मंत्री ने दी ये जानकारी.

Bihar Land Survey : बिहार में जमीन को लेकर लड़ाई – झगड़े आम हैं। इसकी मुख्य वजह है ज़मीन की नाप-जोख में गड़बड़ी और कागज़ातों में त्रुटि। राज्य में बढ़ते …

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by Bhumi Jankari Team

Bihar Land Survey : बिहार में हो रहे जमीन सर्वे से आपको क्या होगा फायदा? राजस्व मंत्री ने दी ये जानकारी.

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Bihar Land Survey : बिहार में जमीन को लेकर लड़ाई – झगड़े आम हैं। इसकी मुख्य वजह है ज़मीन की नाप-जोख में गड़बड़ी और कागज़ातों में त्रुटि। राज्य में बढ़ते भूमि विवाद पर अंकुश लगाने के लिए नितीश सरकार पुरे बिहार नए सिरे से जमीन का सर्वेक्षण करा रही है। सरकार को उम्मीद है कि इस नए सर्वेक्षण से इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा। इससे सभी जमीनों की सही माप की जाएगी और असली मालिकों के नाम की पुष्टि होगी, जिससे भूमि विवाद कम होंगे और न्यायालयों में लंबित मामलों में भी कमी आएगी।

आजादी के बाद पहली बार हो रहा भूमि सर्वेक्षण:

इस संबंध में भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार अगले साल तक यह विशेष भूमि सर्वेक्षण पूरा कर लिया जाएगा। यह नीतीश सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि होगी क्योंकि आजादी के बाद पहली बार भूमि सर्वेक्षण का कार्य हो रहा है। इससे पहले राज्य में पहला भूमि सर्वेक्षण 1890 में हुआ था, इसके बाद 1960 के दशक में इसकी शुरुआत हुई, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका। 1990 में दूसरी बार इसकी शुरुआत की गई, लेकिन उसे भी रोकना पड़ा। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे फिर से शुरू किया है और उनके शासन में यह पूरा होगा।

डॉ. जायसवाल ने कहा कि इस सर्वे से भूमि स्वामित्व विवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा और भूमि विवाद के कारण उत्पन्न कानून व्यवस्था की समस्याएँ भी दूर हो जाएंगी।

जुलाई 2025 तक पूरा होगा भूमि सर्वे:

इस काम के लिए राज्य के लगभग 45 हजार राजस्व गांवों में सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर इस सर्वे को जुलाई 2025 तक पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की गई है। उम्मीद है कि इससे जमीन से जुड़े सभी विवाद समाप्त हो जाएंगे और जमीन के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण हो जाएगा, जिससे भविष्य में जमीन खरीदना और बेचना आसान हो जाएगा।

सभी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल किए जाएंगे:

इस विशेष भूमि सर्वेक्षण के बाद सभी भूमि रिकॉर्ड कंप्यूटर में दर्ज किए जाएंगे। इससे जमीन के कागजात प्राप्त करना और उनमें बदलाव करना आसान हो जाएगा। डिजिटल रिकॉर्ड से न केवल आम लोगों को फायदा होगा, बल्कि सरकारी काम में भी तेजी आएगी। कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन जमीन के मालिक को देख सकेगा, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।

 

 

जमीन खरीदना-बेचना भी होगा आसान:

नए सर्वे और दस्तावेजों के डिजिटलीकरण से जमीन खरीदना और बेचना भी आसान हो जाएगा। सही रिकॉर्ड होने से विवाद कम होंगे और जमीन मालिकों को जमीन का उचित दाम मिलेगा, जिससे लोग बिना किसी संकोच के जमीन खरीद-बेच सकेंगे। पारदर्शिता से निवेशकों का राज्य में विश्वास बढ़ेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

किसानों को समय पर मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ:

सटीक भूमि डेटा से सरकार को कृषि, सिंचाई और अन्य योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी। सही भूमि की पहचान होने से योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन होगा और राज्य के विकास में तेजी आएगी। किसानों और अन्य लाभार्थियों को समय पर लाभ मिल सकेगा।

जानें भूमि सर्वेक्षण के लिए आवश्यक दस्तावेज:

यदि आप अपनी जमीन का सर्वेक्षण करवाना चाहते हैं तो आपको कुछ जरूरी दस्तावेज देने होंगे। ये दस्तावेज इस पर निर्भर करते हैं कि जमीन आपके नाम पर है या आपके पूर्वजों के नाम पर। यदि जमीन आपके पूर्वजों के नाम पर है और अब वे जीवित नहीं हैं, तो आपको उनका मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा। इसके साथ ही आपको उनकी जमाबंदी या भू-राजस्व रसीद भी देनी होगी, जिसमें संख्या और वर्ष का विवरण हो। अगर आपके पास खतियान की कॉपी है तो उसे भी संलग्न करना होगा।

  • फॉर्म 2 में स्व-घोषणा पत्र,
  • जमाबंदी रजिस्टर,
  • लगान रसीद,
  • एलपीसी के पेपर,
  • वसीयत /दान के पेपर
  • केवाला या बदलेन (Exchange) के पेपर,
  • खतियान के पेपर,
  • बंटवारा के पेपर,
  • फॉर्म 3(1) में वंशावली आदि।

इसके अलावे अगर आपके पास जमीन से जुड़े अन्य दस्तावेज जैसे खरीद-बिक्री के कागजात हैं तो उन्हें भी संलग्न करना होगा। यदि आपके पास जमीन से संबंधित कोई कोर्ट ऑर्डर है तो उसकी भी कॉपी संलग्न करनी होगी। आपको यह साबित करने के लिए एक प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा कि आप जमीन के असली वारिस हैं। इसके साथ ही आपको अपना आधार कार्ड भी देना होगा।

 

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