Bihar Jamin Jamabandi : बिहार में जमीन खरीदने-बेचने के बाद अब नाम दर्ज कराने के लिए 75 दिनों के अंदर काम पूरा करना होगा। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पिछले साल लागू फीफो सिस्टम को और सख्त कर दिया है। इसके तहत अब सम संख्या वाले आवेदनों को अंचल अधिकारी और विषम संख्या वाले आवेदनों को राजस्व अधिकारी देखेंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बुधवार को जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि वे अपने स्तर पर देखें कि गाइडलाइन (New Government Rule) के अनुसार म्यूटेशन के आवेदनों का निपटारा हो रहा है या नहीं।
बता दें, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पिछले साल एक मार्च को फीफो (पहले आओ पहले पाओ) सिस्टम लागू किया था। इसके तहत जमीन के म्यूटेशन के लिए आवेदन जमा करने की तिथि के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पहले आवेदनों के निपटारे में देरी होती थी और लोग परेशान होते थे।
संबंधित राजस्व कर्मचारी करेंगे दस्तावेजों की जांच:
फीफो सिस्टम लागू होने से आवेदनों के निपटारे में तेजी आई है। अब विभाग ने इसे और प्रभावी बनाने के लिए नया आदेश जारी किया है। नए आदेश के अनुसार म्यूटेशन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को अपने आवेदन के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे। दस्तावेजों के सत्यापन के लिए अंचल अधिकारी आवेदन को संबंधित राजस्व कर्मचारी के पास भेजेंगे।
24 घंटे के अंदर त्रुटिपूर्ण आवेदन में सुधार नहीं हुआ तो होगा वापस:
राजस्व कर्मचारी तीन कार्य दिवस में रिपोर्ट देगा कि आवेदन में दिए गए दस्तावेज सही हैं या नहीं। अगर दस्तावेजों में कोई त्रुटि है तो अंचल अधिकारी 24 घंटे के अंदर सुधार के लिए आवेदक को वापस कर देगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर में भी व्यवस्था की गई है। अगर 24 घंटे के अंदर त्रुटिपूर्ण आवेदन में सुधार नहीं हुआ तो वह आवेदन वापस रैयत के लॉगिन में चला जाएगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि म्यूटेशन के किसी भी आवेदन का निपटारा हर हाल में 75 दिनों के अंदर करना होगा।
ज्यादा भुगतान हुआ तो पैसा होगा वापस:
कई बार ऐसा होता है कि ऑनलाइन भुगतान के दौरान कुछ लोग जमीन के लगान के लिए ज्यादा पैसा जमा कर देते हैं। ऐसे में अब वह पैसा भी वापस हो जाएगा। विभाग ने बुधवार को इसके लिए अलग से आदेश भी जारी किया है। इसके अनुसार, यदि आपसे भूमि लगान के लिए अधिक पैसा काटा गया है, तो उसे उसी खाते में वापस किया जाएगा, जिससे आपने भुगतान किया था।